परिवार से बनते हैं हम स्ट्राॅन्ग (What makes a family stronger)

परिवार। जहाँ जीवन की शुरुआत होती है और प्यार कभी समाप्त नहीं होता है।’

हर साल 15 मई को किसी न किसी थीम पर हम अंतर्राष्ट्रीय परिवार दिवस मनाते हैं। परिवार के महत्व को बरकरार रखने के लिए साल 1993 में संयुक्त राष्ट्र जनरल एसेंबली ने हर साल परिवार दिवस मनाए जाने की घोषणा की थी। यह दिवस मुख्य रूप से हमें अहसास कराता है कि परिवार, खासकर संयुक्त परिवार (joint family)  हमारे लिए बहुत जरूरी है और समाज की सबसे महत्वपूर्ण इकाई भी है। 

हालांकि पिछले कुछ सालों से हम देख रहे थे कि लोगों का परिवार पर से विश्वास उठता जा रहा था। हर कोई न्यूक्लियर फैमिली (nuclear family) की ओर दौड़ रहा था। लेकिन कोविड-19 (covid-19) की वजह से हम एक बार फिर समझ पाए हैं कि परिवार (family) ही हमें मुश्किल घड़ी (problems) में निकाल सकता है। परिवार ही हमें मजबूत बनाता (family makes you feel strong) है। परिवार ही हमें हर चुनौतियों (challenges) से सामना करने की हिम्मत देता है।

और पढ़ें: कोरोनावायरस लाॅकडाउनः कैसे करें बच्चों के साथ वर्क फ्राॅम होम

इमोशनल सपोर्ट मिला (Emotional support)

इन दिनों जब हम घरों में कैद थे और कहीं जा नहीं पा रहे थे। घर के अंदर रहते हुए कहीं न कहीं हम भावनात्मक रूप से टूटन महसूस (emotionaly broken) कर रहे थे। सबको यही लग रहा था कि अपनी निजी जिंदगी (personal life) बिल्कुल खत्म हो गई है।

लेकिन जो लोग अपने-अपने परिवार के साथ हैं, वे जानते हैं कि इस दौर में उन्हें परिवार के इमोशनल सपोर्ट ने ही बचाए रखा है। विशेषज्ञों का मानना है कि फैमिली का इमोशनल सपोर्ट हमें अच्छा महसूस कराता है। बुरे दौर में अच्छे लम्हों की याद कराता है।

और पढ़ें: कोरोनावायरस लाॅकडाउनः जब बच्चा डरने लगे

आत्मविश्वास डगमगाने नहीं दिया (improved self esteem)

यह कहने की जरूरत नहीं है कि कोविड-19 ने लोगों को स्वास्थ्य के नजरिए से ही नुकसान नहीं पहुंचाया है। कोरोनावायरस के कारण न जाने कितने लोग बेरोजगार (unemployment) हो गए, न जाने कितने ही लोगों के बिजनेस (business) ठप्प हो गए। ऐसे में आत्मविश्वास (confidence) का हिलना लाजिमी था।

इसके बावजूद यदि लोग इस जंग-ए-मैदान में टिके हुए हैं, उनका आत्मविश्वास नहीं हिला है, तो इसकी श्रेय परिवार को ही जाता है। जिन लोगों की नौकरी चली गई है, उन्हें उनके परिवार ने आवश्वस्त (family support) किया है कि मिलकर इस समस्या का कोई समाधान निकालेंगे। यही एक लाइन आत्मविश्वास को झुकने नहीं देती।

और पढ़ें: कोरोनावायरस लाॅकडाउनः पैरेंट्स की जिम्मेदारियां

सही राह दिखाई (Show the right path)

जब चारो तरफ से खराब खबरे आ रही हैं, ऐसे में परिवार ही वह इकाई थी, जिसने हम सबको सही राह (right path) में बनाए रखा। अकसर देखने में आता है कि बुरे दौर (Bad times) में लोगों के ईमान हिल जाते हैं। लेकिन मौजूदा समय में जब कई लोग भुखमरी जैसी स्थिति से भी गुजरे हैं, तब भी परिवार ने एक-दूसरे के हाथ थामे रखा।

सही राह पर चलने के लिए एक-दूसरे को प्रेरित (inspired) किया है। इस राह में भले वे तरह-तरह की चुनौतियों (challenges) का सामना कर रहे हैं। लेकिन परिवार इसी का नाम है, जो हमें कभी हार (failures) का अहसास नहीं होने देता।

Read More: Coronavirus Cure or Curse?

एक-दूसरे की मदद की (Family helps each other)

कई ऐसे न्यूक्लियर परिवार हैं, जो कोविड-19 के इस दौर में खुद को संभाल नहीं पाए। ऐसे में संयुक्त परिवार ने ही उनका साथ दिया। भले आज संयुक्त परिवार के रूप में हम एक-दूसरे के साथ नजर नहीं आते। लेकिन दूर रहकर भी हमने एक-दूसरे की मदद की है। जिससे जितना संभव हुआ है, उतनी मदद की है। मदद चाहे तो पैसे देने के रूप में हो (help with money) या फिर किसी और तरह की मदद हो।

हमने दूर रहकर भी एक-दूसरे को संभाले (family supports each other) रखा।

और पढ़ें: मां: कोरोनावायरस की रियल वाॅरियर्स

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *