मां: कोरोनावायरस की रियल वाॅरियर्स (Mothers : front line warriors)

कुछ दिनों पहले फेसबुक में एक वीडियो खूब वायरल हुआ था।

बाइक पर अपनी लगभग दो-तीन साल की बच्ची को लेकर एक पिता अस्पताल के सामने खड़ा था। अस्पताल के अंदर से एक महिला आई, उसने उस आदमी, जो कि उसका पति था, के हाथ से एक पैकेट लिया और नजर भर उस छोटी सी बच्ची को देखने लगी। वह बच्ची उस औरत की बेटी थी। पिछले कई दिनों से वह अपनी बेटी को गोद में नहीं उठा सकी थी, प्यार नहीं कर सकी थी, उसके बाल नहीं संवार सकी थी, उसे डाट नहीं सकी थी। इस समय भी महिला के मन में भावनाओं का तूफान उठ रहा था।

इसके बावजूद उसने अपनी बेटी को एक बार भी गोद नहीं लिया। क्योंकि उसके ऊपर इस समय देश को बचाने की जिम्मेदारी थी। वह पेशे से नर्स है। कोरोनावायरस के मरीजों को वह बेहद नजदीक से देखती है, उनकी सेवा करती है। ऐसे में अपने परिवार के पास जाना, अपनी बेटी को गोद लेना उसके लिए संभव नहीं है।

मौजूदा समय में कई मांएं ऐसी ही हैं, जिन्होंने अपनी ममता को ताक में रखकर देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाई है। 

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बच्चों के लिए नहीं है समय (No time for kids)

कामकाजी महिलाओं के पास अकसर अपने बच्चों के लिए बहुत सीमित समय होता है। हालांकि उस समय की क्वालिटी की बजाय वो समय की क्वांटिटी पर ज्यादा जोर दिया जाता रहा है। लेकिन मौजूदा हाल की अगर बात करें, तो इस समय बच्चों के लिए मांओं के पास बिल्कुल समय नहीं है। बच्चा चाहे दो साल का या बीस साल।

यदि कोई स्वास्थ्य सेवा कर्मी या फिर किसी भी तरह से कोरोनावायरस से छिड़ी इस जंग में भूमिका निभा रही है, तो उस महिला को अपने बच्चों से दूर रहना ही पड़ रहा है। यह अपने आप में मांओं के लिए एक बड़ा समझौता है।

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ताकि बच्चे रहे सुरक्षित (Their safety is important)

हालांकि समय का अभाव है, इसलिए माएं अपने बच्चों के पास नहीं जा पा रहीं। लेकिन इसके साथ ही बच्चों के पास न जाने की एक वजह यह भी है कि कोरोनावायरस एक बेहद खतरनाक बीमारी है। इसका वायरस महज छूने भर से फैल सकता है।

दुनिया की कोई भी मां ऐसा नहीं चाहेगी कि यह बीमारी उसके बच्चे के आसपास भी फटके। हां, वह सुनिश्चित करती है कि उसका बच्चा सुरक्षित हाथों में हो।

आप क्या करें (what to do)

रोजाना बातें करें (stay in touch with kids) – बच्चों से भले आप दूर हैं। लेकिन इसके बावजूद आपको जब भी अपने काम से फुरसत मिले, अपने बच्चों के साथ संपर्क में रहें। उनसे फोन के जरिए बातचीत करें। वीडियो काॅल करें। इससे बच्चे को अच्छा लगेगा और आपके कमी कम खलेगी। इस दौरान जो भी त्यौहार हैं, फोन के जरिए उनके साथ सेलिब्रेट करें।

यदि आपके बच्चे इतने बड़े हैं कि स्थिति की गंभीरता को समझ सकते हैं, तो उन्हें समझाएं। उन्हें अपनी तरह सहयोग करना सिखा सकते हैं। वैसे भी आपके साथ-साथ आपका परिवार भी देश के हित के लिए कार्यरत है, जिसका आभारी समूचा विश्व रहेगा।

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इस मातृ दिवस में उन सभी मां को सलाम है, जिन्होंने बच्चों के प्रति अपनी संवेदनाओं को भुला कर कोरोनावायरस के मरीजों की सेवा करने में अपना जी-जान लगा दिया है। एक मां के लिए यह दौर काफी कष्टकर है। इसके बावजूद उन्होंने खुद को नियंत्रित किया है और स्थिति को संभाला हुआ है।

Happy Mother’s Day

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