रिश्ते में दरार की ये हैं 4 वजहें | 4 Reasons behind Relationship Issue

पति-पत्नी के बीच कहा-सुनी होना (arguments) आम बात है। वैसे भी कहा जाता है कि थोड़ी बहुत नोंक-झोंक पति-पत्नी के रिश्ते को निखारती है।

लेकिन जब पति-पत्नी बात-बात पर लड़ने लगे, उनके आपसी रिश्ते में दरार आने लगे तो जरूरी है कि हम यह समझें कि इसकी वजह क्या है?

यहां हम ऐसे ही चार वजहों के बारे में जानेंगे, जो रिश्तों में दरार और टकराव की बड़ी वजह होते हैं।

हर बहस आप जीतना चाहते हैं (You just want to win)

कहते हैं कि प्यार में जो हारता है, असल में प्यार वही जीतता है। खैर, जैसा कि ऊपर भी बताया गया है कि पति-पत्नी के बीच टकराव आम बात है। लेकिन जब उनमें से कोई एक हमेशा खुद को जीतते हुए देखना चाहता है, किसी बहस में वह हारना नहीं चाहता है, तो बात सोचने वाली हो जाती है। क्या आप हमेशा अपने पार्टनर को गलत  साबित (Do you always want to prove your partner wrong?) करना चाहते हैं?

बहस को सामान्य बहस की तरह लेना चाहिए। बहस में अगर हार-जीत देखा गया तो यकीन मानिए, आपके रिश्ते को बिखरने में ज्यादा समय नहीं लगेगा।

कभी-कभी बहस में इसलिए हार जाएं, क्योंकि आपके हारने से पार्टनर के चेहरे पर मीठी सी मुस्कान (smile) खिल उठेगी।

समझौता नहीं करना चाहते (You don’t want to compromise)

क्या आप ताली एक हाथ से बजा सकते हैं? नहीं। इसी तरह रिश्ते नाम की यह गाड़ी बिना समझौते (compromise) नाम के फ्यूल (fuel) से नहीं चल सकती।

पति-पत्नी दोनों को जरूरत पड़ने पर एक-दूसरे के लिए समझौता करना चाहिए। वैसे भी जब आप किसी के साथ प्यार में होते हैं तो समझौता जैसी चीजें खत्म हो जाती है। दोनों पार्टनर्स एक-दूसरे की जरूरत (requirements) के हिसाब से खुद को ढाल लेते हैं। सामान्य लोग इसे ही समझौता कहते हैं।

इस बात का भी ध्यान रखें कि जब रिश्ते में कोई एक समझौता करता है, तो ऐसे रिश्ते को खत्म होने में ज्यादा समय नहीं लगता। इस तरह के रिश्ते में प्यार (no place for love) भी नहीं बचता।

अपने रिश्ते में गर्मजोशी (excitement) बनाए रखने के लिए कभी-कभी थोड़े-बहुत समझौते (compromise is necessary) अच्छे होते हैं। इसमें नेगेटिव एंगल (negative angel) को देखने के बजाय सिर्फ पाॅजीटिव चीजों (focus on positive things) पर नजर दौड़ाएं। आपको अच्छा भी लगेगा और रिश्ते में खुशियां (you will be happy with your relationship) भी बनी रहेंगी।

बहुत ज्यादा जिद करते हैं (You’re stubborn)

जिद (stubborn) किसी भी रिश्ते के लिए सही नहीं है। बतौर पर पति-पत्नी अपने रिश्ते को निभाने की जिम्मेदारी दोनों की होती है। ऐसे में यदि एक पार्टनर अपनी बात मनवाने के लिए हमेशा जिद करे तो दूसरे पार्टनर को यकीन होने लगता है कि उसकी बातों का कोई मोल (importance) नहीं है।

रिश्ते को प्यार से निभाने का एक उसूल होता है। कभी आप अपनी चलाएं तो कभी पार्टनर की सुनें। इस तरह रिश्ते में कभी दरार और टकराव नहीं आते। अगर आप चाहते हैं कि आपके रिश्ते में भी ये ऐसा ही हो, तो अपने जिद्दी स्वभाव को थोड़ा बदलने की कोशिश (try to change your stubbornness) करें।

बात-बात पर झूठ बोलते हैं (You frequently lie)

हम छोटे बच्चों को भी यह सिखाते हैं कि झूठ (lie) बोलना सही नहीं है। लेकिन क्या इस बात को बड़े लोग अपने जीवन में उतारते हैं? शायद नहीं।

हालांकि कुछ विशेषज्ञ यह तर्क देते हैं कि रिश्ते में कभी-कभार झूठ बोल लेना बेहतर होता है। इससे रिश्ते में दरार नहीं आती। जबकि ऐसा बिल्कुल नहीं है। झूठ बोलना हमेशा गलत (lying is always a bad thing) होता है। अगर आप बात-बात पर अपने जीवनसाथी (life partner) से झूठ बोलेंगे तो साफ सी बात जाहिर होगी कि आप अपने पार्टनर पर भरोसा (you don’t trust your partner) नहीं करते।

हर रिश्ते की पहली बुनियाद विश्वास (trust is basic need of relationship)  होती है। यदि आपके पार्टनर को यह पता चला कि आप उससे झूठ बोलते हैं, तो वह ताउम्र आप पर भरोसा (he will loose the trust on you) नहीं कर पाएंगे।

इसलिए अगर आपसे गलती होती है या कोई ऐसी बात जो फिलहाल बताना सही नहीं है, तो झूठ न बोलें। उस बात को कुछ दिनों के लिए छिपा लें। गलती हो जाए तो झूठ बोलकर बात को दबाने की कोशिश न करें। सही समय देखकर उस बात को बोल दें। 

कई बार सच बोलने पर पार्टनर नाराज हो जाता है। उसकी प्रतिक्रिया बदल जाती है। लेकिन यह भी ध्यान रखिए कि सच बोलने की वजह से आपके दिल में किसी तरह का मलाल नहीं रह जाता है।

यूं तो रिश्ते को बेहतर बनाने के कई और तरीके हैं। लेकिन ऊपर बताई गई बातों पर यदि आपने अमल कर लिया तो आपके रिश्ते में कभी दरार नहीं आएगी।

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