अकेले कैसे करें बच्चे की परवरिश | Tips for raising a child alone

इस बात को हम स्वीकार करें या न करें, इन दिनों ऐसे लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, जो सिंगल पैरेंट (Single parent) हैं। कुछ सालों पहले तक हमें लगता था कि सिंगल पैरेंटिंग (Single parent) सिर्फ नामी-गिरामी लोग ही किया करते हैं।

लेकिन मौजूदा समय में लाखों महिलाएं सिंगल पैरेंटिंग कर रही हैं। इसी से हम अंदाजा लगा सकते हैं कि सिंगल पैरेंटिंग (Single parenting) एक नया ट्रेंड है। इसकी नई तरह की चुनौतियां (challenges) हैं, नए तरह की परेशानियां (problems) हैं। ऐसे में सिंगल पैरेंटिंग (single parenting) की जो चुनौतियां और प्राॅब्लम (challenges and problems) हैं, हमें उस पर निश्चित तौर पर बात करनी चाहिए।

सिंगल पैरेंटिंग की चुनौतियां (single-parent challenges)

सिंगल पैरेंट (single parent) पर सामान्य पैरेंट की तुलना में काफी ज्यादा प्रेशर, स्ट्रेस (pressure, stress) होता है। सिर्फ फाइनेंशियली (financially) ही सिंगल पैरेंट (single parents) को कमजोर नहीं समझा जाता है बल्कि इमोशनली (emotionally) भी उन्हें कमजोर माना जाता है।

यही नहीं सिंगल पैरेंट (single parent) अक्सर अपने बच्चे को डे केयर (day care) में छोड़ते हैं। ये भी सिंगल पैरेंट की एक बड़ी चुनौती (challenge) होती है, क्योंकि यह कहना संभव नहीं है कि हमारे यहां कितने डे केयर सही होते हैं और कितने नहीं।

इसके अलावा सिंगल पैरेंट पर हमेशा अपने और बच्चे के स्वास्थ्य (children health) का पूरा ध्यान रखने की जिम्मेदारी (responsibility) होती है। सिंगल पैरेंट की लाइफ (life of single parents) अपने बच्चे की बेहतर परवरिश के लिए पैसे कमाने (to earn money) में ही गुजर जाती है। वह अक्सर अकेलेपन (lonliness) का शिकार होते हैं और बच्चे को भी कम समय दे पाते हैं। इतना ही नहीं एक ही पैरेंट को मां और पिता (mother and father) दोनों की भूमिका (role) निभानी पड़ती है।

सिंगल पैरेंट क्या करें (strategies for single parents)

अपना प्यार जताएं (Show your love) : कहने की जरूरत नहीं है कि हर पिता या मां अपने बच्चे (children) को बहुत ज्यादा प्यार (love) करता/करती है। लेकिन सिंगल पैरेंट (single parents) काम के दबाव (work pressure) के कारण अक्सर अपने बच्चे की तारीफ (appreciate) करना, उसे प्यार जताना (showing love) भूल जाते हैं। आप ऐसा कतई न करें। बच्चे को अपना अनंत प्यार जरूर दिखाएं।

रूटीन के हिसाब से चलें (Create a routine) : सही तरह से हर चीज को रूटीनबद्ध (routine) करने से आपके बच्चे को समझ आएगा कि उसे अपने पैरेंट से कितनी चीजों की उम्मीद (expectatioin) करनी चाहिए। उसे अपनी लिमिटेशन (limitatioin) का भी पता लगेगा और आपके प्रति उसकी रिस्पेक्ट (respect) भी बढ़ेगी।

अच्छे डे केयर का चुनाव करें (Find quality day care): अगर आपको बच्चे को रेग्युलर (regular) चाइल्ड डे केयर (child day care) में रखना पड़ता है तो हमेशा अच्छे डे केयर का चुनाव करें। अगर किसी को चौबीस घंटे बच्चे के साथ रख सकते हैं, तो यह भी अच्छी बात है मगर ध्यान रहे कि वह विश्वसनीय (trustworthy) है और आपके बच्चे को खूब प्यार करेगा।

बच्चे को लिमिटेशंस बताएं (Set limits) : अपने घर में कुछ रूल्स (rules) बनाएं। बच्चे को हमेशा कहें कि हमेशा बातचीत में अच्छी भाषा का प्रयोग (speaking respectfully) करें। अपने बच्चे के लिए खास समय जरूर निकालें, उन्हें बताएं कि आप उनके लिए हमेशा साथ हैं। लेकिन किसी भी चीज की ओवर एक्सपेक्टेशन (over expectation) वो न करे। लिमिटेशंस (limitations) को साफ कर देना बच्चे के लिए सही होगा।

अपराधबोध महसूस न करें (Don’t feel guilty) : अक्सर पैरेंटिंग (parenting) के दिनों में सिंगल पैरेंट बहुत ज्यादा अपराधबोध (guilty) महसूस करने लगते हैं। उन्हें लगता है कि उन्होंने बच्चे के सिर से पिता/मां का साया छीन लिया। लेकिन आप ऐसा न सोचें। आपकी नेगेटिव सोच का असर बच्चे पर पड़ सकता है।

अपना ध्यान रखें (take care of yourself) : रेग्युलर खुद को एक्टिव (be active) बनाए रखें। खुद को इमोशनली मजबूत (bbe emotionally strong) बनाएं तभी आप बच्चे का ख्याल रख सकती हैं और उसे इमोशनली-फिजीकली (emotionally-physically) मजबूत बना सकती हैं।

साथ मिलकर मस्ती करें (enjoy together) : बच्चे के साथ खेलने-कूदने (play with your kid) का समय जरूर निकालें। खासकर ऐसी एक्टिविटीज (participate in activities) करें, जिसमें आप दोनों की इन्वाॅल्वमेंट पूरी हो। मस्ती के दौरान बच्चे को खूब मजा आना चाहिए और उस एक्टिविटी में कुछ न कुछ सीखने को भी होना चाहिए।

दूसरे सिंगल पैरेंट से मिलें (Join a support group for single parents): अगर आप अकेले अपनी पैरेंटिंग पर भरोसा (trust) नहीं कर पा रहे हैं, तो बेहतर है कि अपने जैसे पैरेंट्स (parents) से मेल-जोल (meet) बढ़ाएं। सिंगल पैरेंट ग्रुप (joint single parents group) ज्वाइन करें। उनसे मदद (seek help) लें। उनके साथ कार पूल (car pool) पर जाएं। अपने यार-दोस्तों के साथ आउटिंग (go for outing with your friends) करें। अपने फैसले पर हर हाल में भरोसा (trust) बनाए रखें।

One thought on “अकेले कैसे करें बच्चे की परवरिश | Tips for raising a child alone

  • October 4, 2020 at 12:59 am
    Permalink

    This design is spectacular! You obviously know how to keep a reader
    amused. Between your wit and your videos, I was almost moved
    to start my own blog (well, almost…HaHa!) Great job. I really enjoyed what you
    had to say, and more than that, how you presented it.
    Too cool!

    Reply

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *