अपने टीनेजर्स को रखें हेल्दी (healthy tips for teenagers)

बच्चे चाहे छोटे हों या बड़े, उनके स्वास्थ्य की जिम्मेदारी हमेशा उनके पैरेंट्स की होती है। आमतौर पर माना जाता है कि टीनेज होने के बाद पैरेंट्स की जिम्मेदारी बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति कुछ कम हो जाती है। जबकि ऐसा बिल्कुल नहीं है। टीनेजर्स को अगर फिट रखना है तो उनके स्वास्थ्य को कुछ श्रेणियों में विभाजित कर सकते हैं।

शारीरिक स्वास्थ्य:

शरीर का रखें ध्यान

टीनेज या किशोरवास्था में बच्चे अपने लुक को लेकर काफी सजग होते हैं। वे दूसरों के सामने सबसे अच्छे और आकर्षक दिखना चाहते हैं। ऐसा करना मुश्किल नहीं है। आप उन्हें रोजाना 1 घंटे एक्सरसाइज करने की सलाह दें।

स्वस्थ आहार

हेल्दी खानपान भी किशोरों के विकास के लिए जरूरी है। इसके साथ भरपूर मात्रा में सब्जी, फल, साबुत अनाज, प्रोटीनयुक्त आहार और लो फैट डेरी उत्पाद भी उनके स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है।

वजन नियंत्रित रखें

टीनेजर्स को मोटापा बहुत ज्यादा अखरता है। अपने बढ़ते वजन के कारण बच्चों को शर्मिंदगी झेलनी पड़ती है। इसलिए मोटापे से बचे रहना जरूरी है। मोटापे के कारण डिप्रेशन, गंभीर रोग भी हो सकते हैं।

पर्याप्त नींद लें

प्रत्येक किशोर को रात को कम से कम 9 से साढ़े 9 घंटे की नींद जरूरत है। लेकिन औसतन बच्चे 7 घंटे की ही नींद ले पाते हैं। ध्यान रखें कि पर्याप्त नींद से बच्चे की एकाग्र क्षमता बेहतर होती है और वे स्कूल में अच्छा प्रदर्शन कर पाते हैं।

मानसिक स्वास्थ्य

मन स्वस्थ रखें

स्ट्रेस मैनेज करना बहुत जरूरी है। वैसे भी किशोरावस्था में छोटी-छोटी बात पर बच्चे स्ट्रेस में आ जाते हैं। ऐसे में यदि उन्होंने स्ट्रेस मैनेज करना नहीं सीखा तो इसका असर उनके स्वास्थ्य पर भी पड़ता है।

नियमि पढ़ाई करें

जब तक आप पढ़ेंगे नहीं, तब तक अच्छे नंबर नहीं आएंगे। गंदे नंबर किसी बच्चे को अच्छे नहीं लगते। गंदे नंबर आपको मानसिक रूप से भी प्रभावित करते हैं।

स्कूल, घर और सोशल लाइफ में बैलेंस बनाएं

आप सब कुछ नहीं कर सकते इसलिए कोशिश करें कि हर काम को बैलेंस करें। पैरेंट्स को चाहिए कि उनकी लाइफ को बैलेंस करने में उनकी मदद करें।

भावनात्मक स्वास्थ्य

अपनी भावनाओं की कद्र करें

यदि किशोर में निम्न लक्षण हैं तो ध्यान रखें कि वह भावनात्मक रूप से कमजोर है जैसे-

  • एंग्जाइटी
  • डिप्रेशन
  • आत्मविश्वास की कमी
  • चीजों में अरुचि
  • भूख न लगना
  • अचानक वजन बढ़ना या घटना
  • मूड स्विंग की ओर ध्यान दें

किशोरावास्था में मूड स्विंग होना स्वाभाविक है। यह हार्मोनल बदलाव के कारण ऐसा होता है। लेकिन यदि ऐसा बार-बार होता है तो इस ओर ध्यान देने की जरूरत है।

यदि किसी चीज से डर लग रहा है तो टीेनेजर्स को चाहिए कि इस संबंध में अपने पैरेंट्स से बात करें। पैरेंट्स को भी उनकी भावनाओं पर गौर करते रहना चाहिए।

टीनेजर्स को अपने पसंद-नापसंद पर दोस्तों, टीचर्स और पैरेंट्स से नियमित बातचीत करनी चाहिए। यदि मन उदास है तो किसी बड़े से इस संबंध में  बात करें। वे आपको सही दिशा-निर्देश दे सकेंगे।

खुद को स्वीकार करें

टीनेजर्स की सबसे बड़ी समस्या यह है कि उन्हें हमेशा दूसरे बेहतर लगते हैं। जबकि खुद वे सबसे ज्यादा नापसंद करते हैं। कुछ टीनेजर्स बाॅडी शेमिंग से भी परेशान रहते हैं। यकीन मानिए, ये सब जिंदगी के उतार-चढ़ाव में खास मायने नहीं रखते।

इसलिए आप जैसे हैं, वैसे ही खुद को स्वीकार करें।

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