स्ट्रोक के लक्षण और संकेत पहचानें | Signs and Symptoms of Stroke

स्ट्रोक (stroke) या हृदयाघात किसी की भी जान ले सकता है। इसलिए इस संबंध में हर व्यक्ति को जानकारी रखनी चाहिए। यही नहीं स्ट्रोक (stroke) के संबंध इतना अवश्य पता होना चाहिए ताकि यदि आसपास किसी व्यक्ति को एकाएक स्ट्रोक (stroke) आए, तो आप उसकी जान बचाने में सक्षम हो सकें।

यदि आपको लगता है कि आपको इस बारे में कुछ भी नहीं पता है, तो चिंतित न हों। आइए इस संबंध में शुरुआत से पहल करते हैं। इसके लक्षणों (symptoms) को जानते हैं और यह भी कि किसी व्यक्ति को स्ट्रोक (stroke) आने पर तुरंत क्या उपाय किए जा सकते हैं।

संकेत और लक्षण (Signs and symptoms)
  • जब व्यक्ति को स्ट्रोक (stroke) आता है, तब उसे बोलने में दिक्कत (Trouble speaking) आती है। साथ ही कोई उससे क्या बोलने की कोशिश कर रहा है, वह उसे समझ भी (difficulty understanding speech) नहीं पाता। यह एक तरह की भ्रम की स्थिति पैदा करता है।
  • व्यक्ति कोशिश करने के बावजूद किसी का बोला हुआ नहीं समझ सकता। यहां तक कि अपनी बात को भी पूरी तरह से कह पाने में उस क्षण अक्षम हो जाता है।
  • हाथ, पैर और चेहरे में पैरेलाइज हो सकता है (Paralysis or numbness of the face, arm or leg) या फिर ये हिस्से पूरी तरह काम करना बंद कर सकते हैं। आमतौर पर ऐसा शरीर के एक हिस्से (his often affects just one side of your body) में होता है। 
  • जब भी किसी को स्ट्रोक (stroke) हो तो उसे कहें वह अपने दोनों हाथों को उठाकर (raise both your arms) सिर के पीछे ले जाए। इससे यह पता चल जाता है कि व्यक्ति को स्ट्रोक (stroke) आया है।
  • जब मरीज अपने दोनों हाथों को कोशिश करने के बावजूद सिर के पीछे नहीं ले जा पाता है, बल्कि एक हाथ गिर जाता है तो यह स्ट्रोक का एक लक्षण हो सकता है। इसके अलावा हंसने की कोशिश करने पर चेहरे का एक हिस्सा लटक (one side of your mouth may droop when you try to smile) जाता है।
  • दोनों या एक आंख से दिखने में दिक्कत होने (Problems seeing in one or both eyes) लगती है। स्ट्रोक आने पर अचानक महसूस होता है कि आंखों के सामने अंधेरा (blackened vision) छा गया है, सब कुछ धुंधला (blurred) हो गया है या फिर हर चीज डबल (double) नजर आ रही है। कुल मिलाकर आंखों की रोशनी कमजोर हो गई है, ऐसा महसूस होने लगता है।
  • बहुत तेज सिर में दर्द (Headache) होने लगता है। स्ट्रोक (stroke) होने पर अचानक मरीज के सिर में तीव्र दर्द (severe headache) उठ जाता है। इसके साथ ही उसे उल्टी, सिर चकराना (vomiting, dizziness), होश खो (altered consciousness) देना। ये सभी बातें स्ट्रोक की ओर इशारा करते हैं।
  • चलने में दिक्कत होने (Trouble walking) लगती है। स्ट्रोक आने पर मरीज अपना संतुलन (lose your balance) खो बैठता है। जैसा पहले ही बताया है कि मरीज को चक्कर आते हैं। इसके साथ ही वह काॅर्डिनेशन बैठाने में भी दिक्कत (loss of coordination)  महसूस करने लगता है।
कब जाएं डाॅक्टर के पास (When to see a doctor)

यूं तो स्ट्रोक (stroke) के लक्षण या संकेत (signs or symptoms) दिखने पर तुरंत डाॅक्टर के पास जाना चाहिए। यहां तक कि यदि लक्षण कभी दिखें और कभी मरीज सामान्य लगे, तब भी स्थिति को हल्के में लेना ठीक नहीं है। डाॅक्टर को आवश्यक रूप से दिखाना चाहिए। लेकिन यहां कुछ बातों पर ध्यान दें। ऐसा कुछ भी दिखे तो डाॅक्टर बुलाने में जरा भी देर न करें-

  • चेहरा (Face) – मरीज को हंसने को बोलें। यदि चेहरा एक ओर लटक रहा है। 
  • बाहें (Arms) – मरीज को हाथ उठाने के बोलें। यदि एक हाथ नीचे की ओर गिर रहा है या हाथ उठा नहीं पा रहे हैं।

बातचीत (Speech) – व्यक्ति को एक ही बात दोहराने के लिए बोलें। यदि वह समझ नहीं पा रहा है या

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