पैसे सेविंग के कुछ टिप्स-ट्रिक्स |Some tips and tricks for saving money

जैसे ही पैसे बचाने (money savings) की बात आती है, हम अपने खर्च में कटौती (minimize our expenditure) करने लगते हैं। घर के हर सदस्य (family members) को एलर्ट (alert) कर देते हैं कि देखो पैसों का संकट (money crisis) आने वाला है। इसलिए हर कोई सोच-समझकर (think) खर्च करना।

लेकिन यकीन मानिए, जिस महीने आप यह बात अपने घर वालों से कहते हैं, उसी महीने सबसे ज्यादा खर्च की फेहरिस्त आप खुद खड़ी करते हैं। यह मजाक की बात (it’s not a joke) नहीं है।

असल में सेविंग्स क्या (what is savings) है और कैसे (how to save money) की जाती है, यह जानना बहुत जरूरी (important) है। शायद आप यह बात जानते हों कि कभी-कभी आप खुद पर कंट्रोल (contron) नहीं कर पाते और बहुत फिजूल का खर्च कर बैठते हैं।

अगर आपको लगता है कि सेविंग (savings) न कर पाने की वजह आप खुद हैं, तो चलिए सेविंग्स के लिए कुछ सट्रैटेजी (strategy) बनाते हैं।

एटीएम कार्ड छिपा दें (hide your ATM card)

खर्च करने की एक बड़ी वजह है, (ATM card) एटीएम कार्ड। आपके हाथ में कार्ड होता है, एटीएम (ATM) हर गली-कूचे (street) में मौजूद है। जैसे ही पैसों (money) की जरूरत (need) पड़ती है, आप एटीएम (ATM) चले जाते हैं और पैसा (money) निकाल लाते हैं। देर रात तक आपके खाते और आपकी जेब, दोनों जगह से पैसे कम हो जाते हैं।

इसलिए एटीएम कार्ड (ATM card) को ही आप छिपा दें। महीने में एक या दो बार ही निकालें। महीने के शुरू में ही जरूरत भर का पैसा एटीएम (ATM) से निकाल लें। इसके बाद एटीएम कार्ड (ATM card) को वापिस सेफ (safe) जगह पर रख दें ताकि आप खर्च न कर सकें।

ऑनलाइन बैंकिंग यूज न करें ( do not use online banking)

ऑनलाइन बैंकिंग (online banking) के जरिए खर्च करना बहुत आसान है। इसकी मदद से तो आपको छुट्टे लेने-देने का झंझट भी नहीं झेलना पड़ता। इसलिए हम इस तथ्य को नकार नहीं सकते हैं कि ऑनलाइन बैंकिंग (online banking) ने हमारी लाइफ (life) काफी सरल (easy) कर दी है।

लेकिन साथ ही यह भी सच है कि ऑनलाइन बैंकिंग (online banking) की वजह से हर क्षण हमारे हाथ में पैसा (money) होता है। आजकल ज्यादातर जगहों पर ऑनलाइन पैसा रिसीव (receive) किया जाता है। इसलिए ऑनलाइन खर्च करना और भी आसान हो गया है।

अगर आप खर्च को संभालना (manage your expenditures) चाहते हैं तो ऑनलाइन बैंकिंग (online banking) से दूर रहें। फोन में किसी भी तरह के एप (app) न डालें। सिर्फ एक ऑनलाइन एप (online apps) का उपयोग करें, वह भी इमर्जेंसी (emergency) में।

खर्च की बागडोर पार्टनर को दे दें (give control of savings to your partner)

सुनने में थोड़ा मजाकिया (sounds like a joke) लगता है। लेकिन यकीन (trust) मानिए, पुरुषों से ज्यादा महिलाएं सेविंग्स (woman are better money savers) करती है। खासकर हमारे देश में तो यह इतिहास है। जब भी बड़े खर्च करने होते हैं, महिलाएं अपनी वो सेविंग्स (savings) निकालती है, जिसका अंदाजा उसके पति (husband) को भी नहीं होता है।

ऐसे में आप अपनी पत्नी (wife) या महिला पार्टनर (girl freind) पर भरोसा (trust) कर सकते हैं। अपने खर्च की बागडोर पूरी तरह से उन्हें दे दें। वह उतना ही खर्च करेंगी, जितनी जरूरत है। फालतू खर्च करने से खुद को भी रोकेगी और आपको भी। इस तरह आपकी सेविंग्स (savings) भी हो जाएगी।

पैसे इन्वेस्ट करें (invest your money)

पैसे इन्वेस्ट (invest)  करते समय हमेशा ध्यान (be alert) रखें। कई बैंक (bank) आपको आपकी सैलेरी से कुछ पैसा जमा करने की स्कीम (scheme) देते हैं। इस पर आपको साल के आखिर में इंट्रेस्ट (with interset) के साथ पैसा लौटाते हैं।

इस तरह की स्कीम (scheme) में यह भी कहा जाता है कि आप साल भर से पहले पैसा नहीं निकाल सकते हैं। ऐसी स्कीम (scheme) आपके लिए फायदेमंद (beneficial) है, क्योंकि सैलेरी (salary) से पैसा भी कटता रहता है, जिससे आपको कुछ खास फर्क नहीं पड़ता। अंत में कुछ सेविंग्स (savings) भी हो जाती है।

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