क्या प्रेगनेंसी में ब्लीडिंग होना आम है? | Bleeding during Pregnancy

हमें लगता है कि प्रेगनेंसी में ब्लीडिंग (Bleeding During Pregnancy) होना आम नहीं है। जबकि ऐसा नहीं है। गर्भावस्था की पहली तिमाही (first trimester) में ब्लीडिंग (bleeding) होना आम हो सकता है। आश्चर्य की बात ये है कि ब्लीडिंग (bleeding) होना किसी तरह के खतरे की घंटी हो, यह भी जरूरी नहीं है।

हालांकि प्रेगनेंसी में ब्लीडिंग (bleeding during pregnancy) होना कई गंभीर समस्याओं की ओर इशारा (sign of risk factors) करता है, ऐसे में जरूरी है कि संकेतों और ब्लीडिंग होने की वजह (causes of bleeding) को जाना जाए। ब्लीडिंग होने पर डॉक्टर (contact doctor) के पास जाएं और यह सुनिश्चित करें कि आप तथा आपका बच्चा स्वस्थ (you and baby are healthy) है। 

पहली तिमाही में ब्लीडिंग की वजह (causes of vaginal bleeding during the first trimester)

लगभग 20 फीसदी महिलाओं कों गर्भावस्था (pregnancy) के पहले 12 सप्ताह में रक्तस्राव (bleeding) होता है। इसके निम्न कारण हैं-

इम्पलेमेंटेशन ब्लीडिंग (Implantation bleeding) – गर्भाशय के अस्तर यानी यूटरस की लाइनिंग (lining of the uterus) में निषेचित अंडे के रूप में गर्भ धारण (Conceive) करने के बाद शुरुआती छह से 12 दिनों के अंदर सामान्य स्पॉटिंग (spotting) हो सकती है। कुछ महिलाओं को एहसास नहीं होता है कि वे गर्भवती (Pregnant) हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि उन्हें हल्की-फुल्की ब्लीडिंग (bleeding) हो रही है। इस स्थिति में आमतौर पर रक्तस्राव बहुत हल्का होता है और कुछ घंटों से लेकर कुछ दिनों तक हो सकता है।

गर्भपात (miscarriage) – चूंकि पहली तिमाही (first trimester) में सबसे ज्यादा गर्भपात (miscarriage) होता है, इसलिए इस दौरान यदि किसी महिला को ब्लीडिंग (bleeding) होती है, तो यह चिंता का विषय हो सकता है। लेकिन पहले तिमाही हुई ब्लीडिंग (bleeding) से इस निष्कर्ष पर न पहुंच जाएं कि आपका गर्भपात हो गया है। 

एक्टोपिक प्रेगनेंसी (Ectopic pregnancy) – इसका मतलब है कि गर्भाशय (Uterus) के बजाय गर्भ बाहरी हिस्से जैसे फैलोपियन ट्यूब (fallopian tube) में ठहर जाता है। यदि यह बाहरी हिस्से में बढ़ता रहे तो इससे फेलोपियन ट्यबू (fallopian tube) बर्स्ट हो सकता है। होने वाली मां के लिए यह स्थिति बहुत खतरनाक और जानलेवा (life threatening) हो सकती है।

मोलर प्रेगनेंसी (Molar pregnancy) – यह गर्भनाल की विकास संबंधी दुर्लभ बीमारी है। इसमें निषेचन के बाद भ्रूण असामान्य रूप से विकसित करता है और अंगूर के गुच्छे की तरह नजर आता है। इसे हाईडेटीडीफॉर्म मोल कहा जाता है।

दूसरी और तीसरी तिमाही में ब्लीडिंग की वजह (Bleeding in the Second and Third Trimesters)

दूसरी और तीसरी तिमाही में ब्लीडिंग (bleeding) होना ज्यादा खतरनाक (dangerous) साबित हो सकता है, क्योंकि यह गर्भ में पल रहे शिशु और मां दोनों के लिए समस्या का संकेत हो सकता है। इन दिनों ब्लीडिंग की निम्न वजह हो सकती (causes of bleeding) है-

प्लेसेंटा प्रेविया (Placenta previa) – गर्भावस्था के दौरान (during pregnancy), यदि गर्भनाल आंशिक रूप से गर्भाशय ग्रीवा को ढक देती (when the placenta sits low in the uterus and partially or completely covers the opening of the birth canal) है, तो इस स्थिति को ‘प्लेसेंटा प्रीविया कहा जाता है। इससे प्रसव के दौरान शिशु और मां दोनों को खतरा हो सकता है। असल में गर्भाशय ग्रीवा खुलने पर यह क्षतिग्रस्त हो सकती है। इतना ही नहीं गर्भनाल समय से पहले गर्भाशय से अलग हो सकती है जिससे गर्भवती महिला को गंभीर रक्तस्राव (bleeding) होता है। यह गर्भ में पल रहे शिशु को भी प्रभावित करता है।

गर्भाशय का टूटना (Uterine rupture) – बहुत ही कम या कहें दुर्लभ (rare) मामलों में ऐसा देखा जाता है कि पिछले सी-सेक्शन (c-section) के दौरान लगे टांके के निशान (scar) गर्भावस्था के दौरान खुल गए हैं। गर्भाशय का टूटना जीवन के लिए खतरा हो सकता है, और इसके लिए आपातकालीन सी-सेक्शन (life-threatening, and requires an emergency C-section) की आवश्यकता होती है।

डिलीवरी के पहले ब्लीडिंग (Bleeding before delivery) – इसका मतलब है कि आपका शरीर अब बच्चे को जन्म देने के लिए तैयार है।

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