पीसीओडी और इसके संकेत क्या है? | What is Polycystic Ovary Syndrome (PCOS, PCOD)

मौजूदा दौड़-भाग भरी जिंदगी में हर कोई परेशान है। कोरोनावायरस ने परेशानियों में और भी ज्यादा इज़ाफा कर दिया है। इस तरह की जीवनशैली का असर न सिर्फ मानसिक रूप से नजर आता है बल्कि स्वास्थ्य भी प्रभावित होता है। खासकर महिलाओं की बात करें तो उन पर इसका असर और ज्यादा दिखता है।

घर, नौकरी, परिवार सबकी जिम्मेदारियों के कारण कई बार महिलाओं की हेल्थ इफेक्टेड होने लगती है। इससे उनके पीरियड्स भी डिस्टर्ब होते हैं। कई बार तो स्थिति इतनी खराब हो जाती है, खासकर मैरीड महिलाओं की, उन्हें 30-35 साल की उम्र तक पीसीओडी (Polycystic Ovary Syndrome) जैसे गंभीर बीमारी का शिकार होना पड़ता है।

हालांकि पीसीओडी (PCOD) कम उम्र की महिलाओं को भी होता है। इसलिए जरूरी है कि पीसीओडी के संबंध में आप जरूरी बातें जान लें।

क्या है पीसीओडी (What is PCOD)

पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) या पॉलीसिस्टिक ओवरी डिसऑर्डर (PCOD) एक तरह की बीमारी है। यह बीमारी आमतौर पर महिलाओं में हार्मोनल अंसतुलन (hormonal imbalance) के कारण होता है। इस बीमारी के तहत महिलाओं में एंड्रोजेन (androgen)  नामक हार्मोन (hormone) का स्तर बढ़ जाता है और ओवरी (Ovary) में सिस्ट हो जाते हैं।

पीसीओडी का कारण (causes of Pcod/Pcos)

पीसीओडी होने के कई कारण हो सकते हैं जैसे-

अनुवांशिक (genetical) 

वजन का बढ़ना (Weight gain)

तनाव भरी जीवनशैली (stressed lifestyle)

पीसीओडी के लक्षण (Symptoms of Pcod/Pcos)

जैसा कि पहले ही बताया गया है कि जिन महिलाओं में महावारी की समस्या होने लगती है, उन्हें पीसीओडी (PCOD) होने का खतरा ज्यादा होता है। यदि समय रहते ही इस बीमारी का पता चल जाए, तो इलाज संभव है। आइए इसके कुछ अन्य लक्षणों पर गौर करते हैं-

थकान (Fatigue)

चेहरे पर अतिरिक्त बाल का उगना (Excess hair growth on the face)

बाल झड़ना (hair fall)

अचानक वजन का बढ़ना (Sudden weight gain)

पेडू (पेट का सबसे निचला हिस्सा) में दर्द होना (Pelvic pain)

मुंहासे (Acne)

सिर दर्द (Headache)

नींद में परेशानी (Trouble sleeping)

मूड स्विंग होना (Mood swings)

पीसीओडी के कारण होने वाली समस्याएं (Polycystic Ovary Syndrome (PCOS) Risks)

ब्लड प्रेशर (blood pressure)

डायबिटीज़ (Diabetes) 

हार्मोन असंतुलन (Hormone imbalance)

गर्भधारण करने में समस्या (Problem conceiving)

  • पीसीओडी से बचाव (prevention of Pcod/Pcos)
  • स्वस्थ आहार और अच्छी जीवनशैली (lifestyle) अपनाकर पीसीओडी (Pcod) को रोका जा सकता है। इसके अलावा कुछ निम्न चीजों को अपनी जीवनशैली में अवश्य शामिल करें जैसे-
  • वजन नियंत्रित रखें (Control weight)
  • नियमित एक्सरसाइज करें (Do regular exercise)
  • खानपान का ध्यान रखें (Eat healthy food)
  • अस्वस्थ आहार से दूर रहें
  • पर्याप्त नींद लें (Get enough sleep)
  • विशेषज्ञों की सलाह अपनी जीवनशैली में जरूरी बदलाव करें
पीसीओडी का इलाज (Treatment of Pcod/Pcos)

विशेषज्ञों की मानें तो पीसीओडी (Pcod) को पूरी तरह से ठीक तो नहीं किया जा सकता है, लेकिन इसका इलाज संभव है। इसके लक्षणों को नियंत्रित करना है और इसकी जटिलताओं के प्रति सजग रहना है।

इसके अलावा इस बात का ध्यान रखें कि महिला को किस प्रकार का पीसीओडी है, इसी बात पर उसका इलाज निर्भर करता है। कुछ उपायों को आजमा सकते हैं।

  • गर्भ निरोधक गोलियां – डाॅक्टर पीसीओडी के  इलाज के गर्भनिरोधक गोलियों को परामर्श के तौर पर देते हैं। यदि कोई महिला गर्भधारण नहीं करना चाहती है तो वे गर्भ निरोधका गोलियों का सेवन कर पीसीओडी का इलाज कर सकती है। इसके साथ ही इन गोलियों की मदद से मुंहासों का उपचार होता है और महावारी (periods) भी नियमित होती है। साथ ही पुरुष हार्मोन यानी टेस्टोस्टेरोन (Testosterone) का स्तर भी कम किया जा सकता है। इस संबंध में विस्तार से जानने के लिए डाॅक्टर से सीधे संपर्क करना सही रहेगा। 
  • दवाई (Medicine)– पीसीओडी (pcod) के इलाज के लिए कुछ अन्य दवाईयां भी दी जाती है। इसके लिए मरीज को सीधे डाॅक्टर से संपर्क करना होगा। वह जांच करने के बाद ही सही इलाज कर पाएंगे।
  • सर्जरी (surgery)-पीसीओडी (pcod) या पीसीओएस (pcos) के लिए सर्जरी भी की जाती है। इसके लिए भी डाॅक्टर ही आपको सही सलाह दे सकते हैं। सिस्ट का आकार और प्रकार देखकर ही सर्जरी के तरीके को डिसाइड किया जाता है। इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए डाॅक्टर से मिलना सही रहता है।

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