स्ट्रेस से निकलने के लिए करें ये 4 चीजें (how to overcome from stress)

स्ट्रेस यानी तनाव होने पर समझ ही नहीं आता कि आप क्या करें?

किस तरह खुद को इस स्थिति से बाहर निकाल सकते हैं। कभी-कभी मन होता है कि किसी से बात कर लिया जाए। फिर कभी-कभी खुद को सबसे दूर कर लेने का मन करता है। दरअसल स्ट्रेस होने का कोई स्थाई इलाज नहीं है बशर्ते आप विशेषज्ञ के पास नहीं जाते।

स्ट्रेस से निपटने के यूं तो सबके अपने-अपने तरीके हैं। कुछ लोग ऐसे भी हैं जो अपनी स्थिति को हालात पर छोड़ देते हैं। यकीन मानिए जब तक आप खुद स्ट्रेस से निकलने के लिए कुछ नहीं करेंगे, स्ट्रेस आपका पीछा नहीं छोड़ेगा। स्ट्रेस से बाहर निकलने के लिए कई छोटी-छोटी चीजें भी कारगर होती हैं। इन्हें आप इंस्टेंट उपाय भी कह सकते हैं। आइए जानते हैं उनके बारे में।

आंखें बंद कर लें

जब आपके मन में बहुत कुछ चल रहा हो, आपको कुछ समझ नहीं आ रहा है कि स्थिति से कैसे निपटें, अचानक ऐसे लगे जैसे दिमाग में अलग-अलग विचारों का जाल बन रहा है तब कुछ देर के लिए अपनी आंखें बंद कर लें। दिमाग को बिल्कुल शांत रखने की कोशिश करें। इस दौरान कुछ न सोचें। आंखें बंद करते ही आपका फोकस बदल जाएगा। आप उन वजहों पर नहीं सोचेंगे जिससे आपको तनाव हो रहा है।

हालांकि बिना कुछ सोचे आंखें बंद करके बैठना मुश्किल लगता है। इसलिए अपने फोकस को घर में मौजूद तरह-तरह की आवाजों की ओर ले जाएं। जैसे पंखे, फ्रिज नलके, दरवाजे की आवाज सुनें। धीरे-धीरे आप खुद को सुनने की कोशिश करें। आपके अंदर क्या चल रहा है, उसकी वजह जानने की कोशिश करें। शायद आपकी समस्या का कुछ समाधान निकले।

कागज पर लिखें

हालांकि लिखने का कल्चर पूरी तरह खत्म हो गया है। लेकिन विश्वास कीजिए आज भी जब आप लिखकर अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हैं, तो आप खुद को बेहतर तरीके से जान पाते हैं। आप समझ पाते हैं कि आपके मन में क्या चल रहा है।

इसलिए जब स्ट्रेस में हों, तो आपके मन में जो-जो बातें चल रही हैं सब बिना झिझक, बिना संकोच लिख डालें। आपके लिखने की ये आदत आपको स्ट्रेस से काफी दूर ले जाती है। इसके साथ ही समस्या का समाधान ढूंढ़ने में भी मदद करती है।

चहलकदमी करें

जब कुछ समझ न आए, अकेले वक्त गुजारना मुश्किल लगे तो घर से बाहर निकलें और थोड़ी सी चहलकदमी कर आएं। हालांकि इन दिनों लाॅकडाउन है तो घर से बाहर जाना संभव नहीं है। ऐसे में आप अपने घर की छत पर जाएं।

कुछ देर अकेले बिना कुछ सोचे चहलकदमी करें। अगर छत की सुविधा नहीं है तो बालकनी में टहलें। जहां भी संभव हो, चहलकदमी जरूर करें।

खुद से बातें करें

कुछ लोगों को भले यह मजाक लगे कि भला खुद से कैसे बातें की जाती हैं? लेकिन ज्यादातर समस्याओं का समाधान ही तब निकलता है जब आप खुद से बातें करते हैं।

खुद से बातचीत करते हुए जानने की कोशिश करें कि आखिर आपको क्या चाहिए? क्यों उदास हैं? किस बात से आप आहत हैं? कहीं स्ट्रेस की वजह रिलेशनशिप तो नहीं? या फिर करियर।

सबसे पहले अपने स्ट्रेस की वजह जानें। इसके बाद उसका समाधान पर फोकस करें। अगर खुद से बातें करना मुश्किल लग रहा है तो कुछ देर के लिए आइने के सामने खड़े होकर बातें करें। वहां आप खुद ही खुद से सवाल करें और खुद ही खुद को जवाब दें। आप देखेंगे कि आपके मन में जिस तरह की दुविधा है, सब धीरे-धीरे खत्म हो जाएंगी। आपके दिमाग में जो कोहरा है, वह छट जाएगा।

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