बच्चों को डिसीप्लीन सिखाने के तरीके | Best Way to discipline Children

  • ‘क्या करूं बच्चा सुनता नहीं।’
  • ‘बच्चा अकसर मार पीट करता है।’
  • ‘लाख कोशिश कर लो, उसकी आदत नहीं बदलती।’

क्या आप भी उन्हीं पैरेंट्स (parents) में से एक हैं, जो अपने बच्चे (children) की खराब बिहेवियर (behaviour) की वजह से परेशान (disturb) हैं? क्या आप भी नहीं समझ पा रहे हैं कि आखिर बच्चे में डिसीप्लीन (discipline) कैसे लाया जाए। परेशान न हों, लेख आगे पढ़ें।

रोल माॅडल बनें (Be a role model)

कहते हैं बच्चा (child) वही करता है जो पैरेंट्स (parents) करते हैं। इसलिए सबसे पहले अपने बिहेवियर (behaviour) में डिसीप्लीन (discipline) को शामिल करें। दूसरों के सामने अपशब्दों (abusive words) का इस्तेमाल (use) न करें। कभी भी किसी के साथ बेवजह झगड़ा (fight) न करें। जब बच्चा आपको डिसीप्लन में बिहेव करते हुए देखेगा, तो उसके बिहेवियर में भी अपने बदलाव (changes) आने लगेंगे।

रूल्स बनाएं (set rules)

अपने घर में कुछ कड़े नियम यानी रूल्स (rules) रखें। बच्चे को स्पष्ट कर दें कि उन्हें अपने नियमों को तोड़ना नहीं है। यदि ऐसा करता है, तो उसे जरूरत होने पर फटकार लगाएं।

बच्चे को डिसीप्लीन (discipline) में रखने के लिए आपको भी उन्हीं नियमों (follow rules) का पालन करना चाहिए, जो आपने बच्चे के लिए सेट किए हैं। दरअसल बच्चा तब तक आपके बनाए हुए रूल्स को फाॅलो नहीं कर सकता है जब तक कि आप खुद उन रूल्स को फाॅलो न करें। आपके रूल्स फाॅलो न करने की वजह से बच्चे के मन में यह सवाल उठ सकता है कि जब आप खुद उन नियमों को नहीं मानते हैं तो फिर उसे क्यों कहते हैं।

नेगेटिव इफेक्ट के बारे में बताएं (Give consequences)

डिसीप्लीन (discipline) में बच्चे को क्यों रहना है, डिसीप्लीन में न रहने से बच्चे को इसका क्या नुकसान उठाना पड़ सकता है? इन सब बातों को बारे में बताएं।

ध्यान रखें कि बच्चों के मन में हजारों सवाल होते हैं। जब तक आप उनके हर सवाल का जवाब नहीं दे देते हैं, तब तक वे कोई भी काम मन से नहीं करते हैं। बेमन से किया हुआ कोई काम कभी अच्छा नहीं होता है, ये बात निश्चित तौर पर आप भी जानते हैं।

आप उन्हें डिसीप्लीन (discipline) में रहने के तरीके (techniques) सिखा सकते हैं जैसे अपने खिलौने (toys) जगह पर रखने हैं, अपनी किताबों (books) को सही जगह रखना है। यदि ऐसा न किया जाए, तो इसके उन्हें पूरे दिन खिलौनों से खेलने को नहीं मिलेगा, किताबें जगह पर न रखीं तो उन्हें ढूंढ़ना मुश्किल हो जाएगा। इससे समय पर होम वर्क (homework) पूरा नहीं हो पाएगा और टीचर से डांट भी पड़ सकती है।

सही-गलत के बारे में बताएं (teach them right and wrong)

जब तक आप बच्चों को यह नहीं बताएंगे कि उन्होंने क्या काम गलत किया है और क्या काम सही किया है, तब तक वे सही और गलत के बीच फर्क नहीं समझ पाएंगे। इसलिए उन्हें  सही-गलत के बीच फर्क समझाते रहें।

जब बच्चा डिसीप्लीन (discipline) में रहते हुए कुछ अच्छा करे तो उसकी तारीफ (appreciate) करें। जब उससे अनजाने में कोई गलती (mistake) हो जाए तो उसे डांटे नहीं बल्कि समझाएं (teach) कि उससे गलती हुई है।

यदि वह जानबूझकर कोई गलती दोहराए तो उसके साथ सख्ती से पेश आएं, तो वह आपकी बातों को हल्के में न लें। 

यहां बताए गए कुछ सुझावों (suggestions) की मदद (help) से आप बच्चे को डिसीप्लीन सिखा सकते हैं। लेकिन जरूरी नहीं है कि यहां बताई गई बातें ही अंतिम रूप से सही हो। अपने बच्चे के लिए क्या सही है, यह बात आप बेहतर जानते हैं। इसलिए बच्चे के लिए क्या सही है और क्या नहीं, उन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए बच्चे को डिसीप्लीन (discipline) में रहना सिखाएं।

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