नाखुश रहने की ये हैं 4 वजहें (4 simple habits for a happy life)

हम हमेशा खुशी के पीछे-पीछे भागते हैं। हमें लगता है-

बहुत सारा पैसा कमा लेंगे तो खुश हो जाएंगे।

अच्छी नौकरी मिल जाएगी तो खुश रहेंगे।

बड़ी गाड़ी खुशी की चाभी है।

लेकिन यकीन मानिए, जब ये सब मिल जाएंगे, तब भी आपको खुशी नहीं मिलेगी। जानते हैं क्यों? दरअसल नाखुश रहना आपकी आदत का हिस्सा है। जब तक आप अपनी आदतों में कुछ चीजों को सुधारेंगे नहीं, खुशी आपके दरवाजे दस्तक नहीं देगी। अगर आप जानना चाहते हैं कि वे कौन सी आदतें हैं, तो लेख आगे पढ़िए।

पर्फेक्शन की चाह न रखें

कभी-कभी हम खुद के ही सबसे बड़े दुश्मन हो जाते हैं। हर काम बेस्ट हो। कोई उसमें नुक्स न निकाल सके। ऐसा सोचना अच्छी बात है। जब काम सबसे अच्छा होता है तो खुशी भी होती है। लेकिन कभी-कभी पर्फेशन की चाह गले की हड्डी बन जाती है।

कहने का मतलब है कि पर्फेक्शन हमेशा समय की डिमांड करता है, क्रिएटिविटी मांगता है। मौजूदा समय में समय का अभाव सबके पास है। इसलिए आपको डेडलाइन तय करनी चाहिए ताकि निश्चित समयवधि में आप अपना बेस्ट दे सकें। यकीन मानिए कभी-कभी बिना पर्फेक्शन के भी चीजें अच्छी हो जाती हैं।

नेगेटिव शब्द से दूर रहें

हमारे इर्द-गिर्द नेगेटिव शब्द भरे हुए हैं। ऐसे लोगों की कमी नहीं है जो आपके सामने चिंता, डर, सीमा, घबराहट जैसे शब्दों का बार-बार इस्तेमाल करते हैं। लेकिन आपको इन शब्दों की ओर ध्यान नहीं देना है। आप जितना इन शब्दों से दूर रहेंगे, आपके जीवन में खुशी, उतनी ही आसानी से आ पाएगी।

सवाल है ऐसा आप कैसे कर सकते हैं? आसान तरीका है। नेगेटिव लोगों से दूर रहें और पाॅजीटिव एटीट्यूड वाले लोगों से मिलें। उनकी बातों से आप निराश नहीं होंगे। इसी तरह ऐसे पोस्ट या ब्लाॅग पढ़ें, जो आपको मोटिवेट करते हैं।

पास्ट से बाहर निकलें

क्या जो हो गया है, आप उसे बदल सकते हैं? नहीं। जब आप घटी हुई घटना में जरा भी बदलाव नहीं कर सकते हैं तो फिर उस संबंध में चिंता क्यों करते हैं? सबके पास्ट में कुछ न कुछ ऐसा घटा होता है जिसे हम बदलना चाहते हैं। लेकिन यह संभव नहीं है। कोई भी अपना इतिहास नहीं बदल सकता। इसलिए पीछे क्या घटा है, उस बारे में सोचना बंद करें।

पुरानी चीजों से जुड़े रहना, उसके बारे में सोचते रहना, एक ऐसी आदत है जो हमेशा आपको नाखुश रखती है। खुश रहना चाहते हैं आज में जिएं। अपने वर्तमान के बारे में सोचें। जो करना है, अभी करें। जो नहीं किया है, उसका मलाल न करें।

तुलना बंद करें

कब तक आप खुद की तुलना किसी दूसरे से करते रहेंगे? क्या तुलना करने की वजह से आप सफल हो सकते हैं? नहीं। तुलना करने से आपके मन में उस व्यक्ति विशेष के लिए ईर्ष्या, जलन भाव पैदा हो सकता है। इसलिए कोशिश करें कि खुद की तुलना किसी से न करें।

ध्यान रखें कि आप जैसे हैं, जो हैं, दुनिया से अलग हैं और बेहतर हैं। दिनों दिन आपका बढ़ता अनुभव आपको और बेहतर बना रहा है। क्या ये बातें खुद को खुश रखने के लिए काफी नहीं है? दूसरों से तुलना करके आप खुशी को खुद से दूर ले जा रहे हैं।

इसलिए तुलना बंद करें। आप अपने आप खुश रहना सीख जाएंगे।

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