अनहेल्दी रिलेशनशिप के 5 संकेत | Signs of an Unhealthy Relationship

शायद ही कोई ऐसे पति-पत्नी (couples) हों, जिनके बीच तनाव (stress) न हो या मतभेद (conflict) न हो। हर कपल्स के बीच किसी न किसी बात पर झड़प हो जाती है। यह बात सामान्य भी है। यदि पति-पत्नी के बीच अक्सर छोटी-छोटी बातों को लेकर झगड़ा बढ़ जाता है तो यह चिंता (stress) का विषय बन जाता है।

क्या आपके साथ भी ऐसा ही हो रहा है? इस लेख में आगे आपको कुछ ऐसी बातें बता रहे हैं, जिन्हें आप पढ़कर जान पाएंगे कि आपका रिश्ता सही राह में है या गलत।

यकीन मानिए अगर आपने अपने रिश्ते को सही समय पर नहीं संवारा तो आप डिप्रेशन (depression) की चपेट में आ सकते हैं।

कंट्रोल करना (Controlling behavior)

कहते हैं प्यार में हर कोई थोड़ा बहुत बदल जाता है। यह अच्छी बात है, क्योंकि पार्टनर के लिए अपनी आदतों (habbits) को बदलना अच्छा लगता है। लेकिन जब पार्टनर के कहने पर अपने नेचर (nature), अपनी पसंद-नापसंद यहां तक कि पहनावा (dressing style) भी बदलना पड़े, तो जरा ठहरिए और अपने रिश्ते के बारे में सोचिए।

कहीं ऐसा तो नहीं कि आपका पार्टनर आपको कंट्रोल (control) करने की कोशिश कर रहा है? अक्सर देखने में आता है कि रूल्स एंड रेगुलेशन (rules and regulations) के नाम पर व्यक्ति अपने पार्टनर को कंट्रोल करता है। बड़ी ही चतुराई से कह देता है कि ये सब मैं तुम्हारे भले के लिए कर रहा हूं।

अगर आपके साथ भी ऐसा ही है, तो जरा सतर्क हो जाएं, क्योंकि आपका रिश्ता खतरे में है।

इग्नोर करना (Avoidance)

पति-पत्नी के बीच झगड़े (fight) को इग्नोर (ignore) करने के लिए कभी-कभी एक-दूसरे को इग्नोर यानी नज़रअंदाज़ करना अच्छा होता है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि व्यक्ति अपने पार्टनर की ख़ुशियों (happiness), चाहतों (desire), ज़रूरतों (need) और पसंद-नापसंद (likes and dislikes) को भी इग्नोर करने लगे।

जब आपको लगे कि आपका पार्टनर आपकी हर चीज को नज़रअंदाज़ करने की कोशिश कर रहा है, तो ध्यान रखें कि इससे आपका रिश्ता कमजोर हो रहा है।

असुरक्षाबोध (Insecurity)

थोड़ी-बहुत असुरक्षा बोध (Insecurity) बुरी नहीं है। इसके उलट इससे अहसास होता है कि आप अपने पार्टनर से बहुत प्यार (love) करते हैं और उसे खोने से डरते हैं।

जबकि अनहेल्दी रिलेशनशिप (unhealthy relationship) में एक पार्टनर दूसरे पार्टनर के आत्मविश्वास (self confidence) को पूरी तरह चकनाचूर कर देता है। वह बात-बात पर अपने पार्टनर का अपमान (insult) करता है। छोटी-छोटी बात पर नेगेटिव कमेंट (negative comment) करता है।

ये सब बातें किसी भी रिश्ते के लिए सही नहीं हैं बल्कि इनसे रिश्ते कमजोर और आधारहीन (baseless) होने लगते हैं।

पार्टनर पर निर्भरता (dependency on partner)

पति-पत्नी के रिश्ते को मजबूती देती है, पार्टनर की एक-दूसरे पर (dependency on partner) निर्भरता। लेकिन जब निर्भरता जरूरत से ज्यादा हो जाए, बात बिगड़ने लगती है।

असल में को-डिपेंडेंसी (co-dependency) उन रिश्तों में होती है जहां एक पूरी तरह से दूसरे पार्टनर पर निर्भर रहता है। डिपेंडेंसी इतनी ज्यादा बढ़ जाती है कि उसकी अपनी पर्सनालिटी (personality) पर इसका असर पड़ता है। हैरानी की बात ये है कि डिपेंडेंट पार्टनर को इस बात से खास फर्क नहीं पड़ता है।

अगर आपके साथ भी ऐसा ही है तो जरूरी है कि अपने रिश्ते पर थोड़ा काम करें। खुद में भी कुछ बदलाव करें।

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