मजबूत संबंध के अचूक सुझाव | Suggestions for Strengthening your Relationship

पति-पत्नी (couple) का रिश्ता (relationship) बड़ा ही अनोखा रिश्ता होता है। एक ओर तो ये दोनों एक-दूसरे के सबसे अच्छे दोस्त (friends) होते हैं। दूसरी ओर ये दुनिया के सबसे बड़े दुश्मन भी होते हैं।

लेकिन पति-पत्नी (husband-wife) के बीच जो सबसे अच्छी बात है, वो ये है कि ये दोनों एक-दूसरे को बिना किसी स्वार्थ के प्यार (love unconditionally) करते हैं, एक-दूसरे के साथ (support each other) रहते हैं और अपने परिवार (family) को सौ फीसदी देते हैं। यही नहीं अपने रिश्ते (relation) में नएपन (new things) के लिए भी अक्सर नए-नए तरीके (new techniques) अपनाते हैं।

इसका मतलब ये बिल्कुल नहीं है कि पति-पत्नी के बीच तनाव (stress) नहीं होते हैं। इस दुनिया (worlds) में सबसे ज्यादा झगड़े (conflicts) जिस रिश्ते में होते हैं, वे हैं पति-पत्नी। यही वजह है कि हर कोई अपने-अपने अंदाज (style) में अपने रिश्ते (relationship) को संभाले रखने की कोशिश (try to handle) करता है। 

इसी क्रम में कुछ लोग ऐसी चीजें कर जाते हैं, जिन्हें सामान्य तौर पर नेगेटिव (negative) कहा जाता है। ऐसा लगता है कि इन आदतों (habits) या कहें हरकतों के कारण उनका रिश्ता प्रभावित (effects their relationship) हो सकता हे।

यदि आप गौर से देखें, तो यही बातें या आदतें (habits) रिश्ते को संभालने में बड़ी भूमिका (play important role) निभाती है।

जब बातें उलझने लगे (When things started getting tangled)

अक्सर यही माना जाता है कि अगर समस्या (problems) को सुलझाना (sort) है तो उसकी जड़ (know about the root cause) तक जाओ। उसे समझो (try to understand) और पति-पत्नी (husban-wife) मिलकर उसे सुलझाओ। लेकिन क्या वाकई जरूरी है कि हर झगड़े की वजह को जाना जाए और उस पर बैठकर चर्चा (discuss) की जाए? नहीं। झगड़ों को कभी-कभी बिना वजह एक मोड़ पर छोड़ दें और उस पर कभी बात (do not talk about the conflicts) न करें।

यकीन मानिए ये तरीका काफी कारगर हो सकता है। कहते हैं न, 

वो अफ्साना जिसे अंजाम तक लाना न हो मुमकिन

उसे इक खूब-सूरत मोड़ दे कर छोड़ना अच्छा

यही बात पति-पत्नी झगड़ों पर भी लागू कर सकते हैं। अगर कोई बात जबरदस्ती पति-पत्नी के बीच तनाव (creates stress) का विषय बन रही है। वह किसी मोड़ तक नहीं पहुंच रही है, तो बेहतर है उस बात को वहीं खत्म (leave the topic) कर दिया जाए और झगड़े की वजह को मिटा दिया जाए।

हमेशा सच बोलें (Always tell the truth)

निस्संदेह दुख पहुंचाना (hurting your partner) बहुत बुरी (bad things) बात है। खासकर अपने पार्टनर को तो चाहकर भी दुख पहुंचाना सही नहीं है। लेकिन पार्टनर (husband/wife) को दुख न पहुंचे इसके लिए उससे झूठ (lie to the partner) तो नहीं बोला जा सकता? इसलिए हर स्थिति में सच बोलें।

उदाहरण से समझें। एक (man) व्यक्ति है, निशांत। उसकी पत्नी (wife) रोज रात (every night) को सोने से (before go to bed) पहले मेकअप (make up) करती है, हेयर स्टाइल (hair style) बनाती है। ब्वाॅडी में तरह-तरह के क्रीम (use creams) लगाती है। निशांत को अपनी पत्नी स्नेहा की ये आदत (habits) बिल्कुल पसंद नहीं है। इसके विपरीत स्नेहा, रोज रात तैयार होकर परफ्यूम (use perfume) लगाने के बाद निशांत से पूछती है कि मैं कैसी लग रही हूं?

एक रोज निशांत का मूड (mood) खराब हो गया और उसने गुस्से (in anger) में स्नेहा से सच बोल दिया कि तुम भले इतने मेकअप (make up) के बाद अच्छी लगती हो। लेकिन मेकअप करके सोने का कोई तुक नहीं है।

इससे तुम्हारी स्किन खराब (it effects your skin) हो सकती है। इतना ही नहीं तुम्हारे परफ्यूम (perfume) लगाकर सोने के कारण पूरी रात मेरे सिर में दर्द (headache) बना रहता है।

मुझे तुम्हारे सजने-संवरने से दिक्कत नहीं है। लेकिन तुम मुझसे ये उम्मीद (do not expect from me) भी करती हो कि मैं तुम्हारी तारीफ (appreciation) करूं। माफ करना, ये सब मेरे लिए मुश्किल है और तुम्हारी ये आदत मुझे बिल्कुल पसंद (I don’t like your habit) नहीं है।

इसके बाद स्नेहा को यह अहसास हुआ कि न चाहते हुए भी अपने पति को काफी परेशान कर रही थी। इतने दिन उसने सच नहीं बोला ताकि उसे दुख (hurt) न हो। लेकिन अंत में निशांत से चुप नहीं रहा गया और वह बोल पड़ा। अंततः स्नेहा ने अपनी आदतों (habits) में कुछ बदलाव किए ताकि निशांत को दिक्कत (problem) न हो और उसे भी अपनी चाहतों (desires) के साथ समझौता न करना पड़ा।

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