विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस | World Suicide Prevention Day

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (world health organization) की मानें तो ‘हर 40 सेकेंड में एक व्यक्ति आत्महत्या (suicide) कर अपनी जान गवा देता है।’ इसके बावजूद हम आत्महत्या (suicide) जैसी गंभीर विषयों पर बातचीत नहीं करते हैं।

10 सितंबर को पूरी दुनिया में विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस (World Suicide Prevention Day) के रूप में मनाया जाता है। लेकिन क्या वाकई आज भी हम इस विषय के प्रति जरा भी जागरूक (aware) हैं। हमारे सामने जब भी कोई व्यक्ति अपनी परेशानियां (problem) लेकर आता है, तो हम अव्वल तो उसकी बातें नहीं सुनते हैं। यदि सुन भी लेते हैं, तो उसकी समस्याओं में ज्यादा रुचि (interest) नहीं लेते हैं।

अभिनेत्री दिव्या दत्ता (Divya Dutta) कहती हैं, ‘हम खामोशियां पढ़ना भूल गए हैं। वाकई हम इतने असंवेदनशील दुनिया का हिस्सा हैं, जहां हमें किसी की परवाह नहीं है। आज की तारीख में हम किसी की सुनना नहीं चाहते हैं। हर कोई सेल्फ सेंटर्ड (selfcentered) हो गया है। हालांकि अपनी फिक्र (care) करना बुरा नहीं है। लेकिन हम किसी अन्य व्यक्ति को सुनना ही नहीं चाहते हैं। हमारे अंदर इतना सब्र (patience) तो हो किसी को ध्यान से सुन सकें।’

ऐसा नहीं है कि लोगों को आत्महत्या (Suicide) को रोका नहीं जा सकता है। सबसे पहले सोचें कि आत्महत्या कौन करता है? वही व्यक्ति जो अंदर से खुद को हारा (failure) हुआ मानता है। खुद को हारा हुआ व्यक्ति वही समझता है, जिसको लगता है कि उसके लिए सभी रास्ते बंद हो गए हैं।

क्या सच में जिंदगी में आगे बढ़ने के सभी रास्ते बंद हो जाते हैं? जी नहीं। रास्ते तलाशने पड़ते हैं। लेकिन जो लोग हारी हुई मानसिकता (mentality) से गुजरते हैं, वे आत्महत्या (Suicide) के बारे में सोचने लगते हैं। ऐसे में हमारी भूमिका (role) होती है कि हम उन्हें सहारा (support) दें। उनके दोस्त (friends) बनें।

इस आत्महत्या रोकथाम दिवस (World Suicide Prevention Day) पर हर व्यक्ति खुद से यह वायदा (promise) करे कि यदि कोई भी उनके साथ अपने मन की शेयर (share) करने आए, तो आप उसकी हर बात सुनेंगे। 

Warning signs that someone may attempt suicide

वैसे यहां कुछ बिंदुओं पर भी गौर करें जिन्हें जानकर आप समझ पांएगे कि कहीं कोई आपका करीबी आत्महत्या (Suicide) जैसे गंभीर कदम उठाने के लिए तो नहीं सोच रहा है?

  • हमेशा हारा हुआ (hopeless), फसा (trapped) हुआ और अकेलेपन (alone) से जुड़ी बातें करता है।
  • कहता है कि जिंदगी जीने (living) का कोई फायदा (benefits) नहीं है।
  • खुद को नुकसान (personal harm) पहुंचाने के बारे में सोचना।
  • बहुत कम सोना (sleeping too little) या फिर बहुत ज्यादा नींद (sleeping too much)लेना।
  • बहुत ज्यादा खाना खाना (eating too much) या फिर बिल्कुल न (eating too little) खाना।
  • खाने के तौर तरीके में बदलाव।
  • अतिरिक्त शराब (alcohol) पीना।
  • दोस्तों-यारों से मेल-जोल कम (social interactions) करना।
  • हमेशा नेगेटिव (negative) सोचना।
  • किसी पर गुस्सा (anger) हो तो उससे बदला (seek revenge) लेने की सोचना।
  • बहुत ज्यादा चिंतित (anxiousness) रहना।
  • ड्रैमेटिक अंदाज में मूड स्विंग (mood swings) होना।
  • आत्महत्या (Suicide) के बारे में अलग-अलग तरीके सोचना।
How to talk with someone who is feeling suicidal

बेशक ये सारी बातें डरावनी हैं। लेकिन ये वो बातें हैं, जिन्हें जानकर आप किसी की जिंदगी को बचा सकते हैं।

सवाल है आत्महत्या के बारे में सोचने वाले की आप मदद कैसे कर सकते हैं? उनके साथ बातचीत के तरीके क्या हैं-

  • अगर परिवार का कोई सदस्य (family member) ऐसा लगे कि वह आत्महत्या (Suicide) जैसा गंभीर कदम उठाने की सोच रहा है, तो उससे बातचीत (talk) करें। उसे बताएं कि आप उसकी फिक्र (care) करते हैं।
  • बातचीत के दौरान व्यक्ति को अहसास कराएं कि आप उसकी हर बात सुनेंगे और किसी भी बात पर जजमेंटल (non-judgmental) नहीं बनेंगे।
  • आप व्यक्ति से डाइरेक्ट (direct) सवाल (question) पूछें कि ‘क्या तुम आत्महत्या के बारे में सोच रहे हो?’
How to help someone immediately

बातचीत के दौरान कुछ बातों का ध्यान रखें जैसे-

  • बातचीत के दौरान आप शांत (stay calm) नजर आएं।
  • अपनी आवाज़ को मद्धम रखें।
  • व्यक्ति की भावनाओं को समझने की कोशिश करें।
  • व्यक्ति को सपोर्ट (support) करें।
  • व्यक्ति को एनकरेज (encouragement) करें।

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