कैसे सेव करें इमर्जेंसी फंड | How to build an Emergency Fund?
इमर्जेंसी फंड (emergency fund) क्या होता है? इमर्जेंसी फंड (emergency fund) का मतलब है कि मुश्किल घड़ी के लिए अपनी महीने की कमाई (salary) से कुछ पैसे सेव (save) करके रखे जाएं। लेकिन कितने लोग हैं जो वाकई इमर्जेंसी फंड के लिए पैसा सेव करते हैं?
सही मायनों में बहुत कम या न के बराबर लोग होते हैं जो इमर्जेंसी (emergency) के लिए कुछ पैसा सेव करने को जरूरी समझते हैं। असल में हमें लगता है कि जब बात बिगड़ेगी, तब मैनेज हो जाएगा। असल बात ये है कि मुश्किल घड़ी में चीजें मैनेज (manage) नहीं होतीं वरन उधार हो जाता है। जाहिर है उधार किसी के भी मासिक बजट (monthly budget) को गड़बड़ा सकता है।
सवाल है कि इमर्जेंसी फंड को कैसे मैनेज (how to manage emergency fund) किया जाए और किस तरह किया जाए।
गोल बनाएं (set goal)
सबसे पहले आपको यह तय करना है कि इमर्जेंसी फंड (emergency fund) में आप कितना पैसा (money) डाल सकते हैं। शुरू-शुरू में यह आपको मुश्किल लग सकता है। लेकिन यकीन मानिए जैसे-जैसे आप अपने भविष्य (future) के बारे में सोचेंगे, आपको अच्छा लगेगा कि आप अभी से इमर्जेंसी फंड जमा कर रहे हैं। मन में यह तसल्ली होती है कि अब आपको इमर्जेंसी होने पर टेंशन लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
बहरहाल, आपको एक गोल सेट (set goal) करना पड़ेगा। गोल की वजह से आपमें सेविंग (savings) करने की एक आदत बनेगी। लेकिन ध्यान रखें इस टास्क (task) को अपना सिरदर्द न बनाएं। जितना संभव हो, उतना ही सेव करने का गोल तय करें।
सेपेरेट अकाउंट बनाएं (Use a separate account)
इमर्जेंसी फंड (emergency fund) को अपने जनरल यानी सामान्य अकाउंट में न डालें। इसके लिए एक सेपेरेट अकाउंट (separate account) खोलें। वैसे भी अंग्रेजी में एक कहावत है कि out of sight, out of mind इसका मतलब है कि जो नजरों से दूर होता है, वह दिमाग से भी दूर हो जाता है।
यह फंडा इसलिए इमर्जेंसी फंड (emergency fund) में काम करेगा क्योंकि जब आप उस अकाउंट का कम इस्तेमाल करेंगे तो उसमें सेव किए हुए पैसे भी सेव रहते हैं। इसलिए इमर्जेंसी फंड के लिए अलग से अकाउंट खोलें।
अपने भविष्य की पहले सोचें (think of your future first)
आप इस बात को हमेशा दिमाग में रखें कि आपका भविष्य सुरक्षित (secured future) होना चाहिए। कई लोग नियमित अपनी रिटायरमेंट (retirement) के लिए एक छोटा सा हिस्सा संभालकर रखते हैं।
जिन लोगों की नियमित सैलेरी (salary) आती है, वे सैलेरी का छोटा हिस्सा निकालते हैं और जो बिजनेस करते हैं, वे बिजनेस से अपने भविष्य को सुरक्षित करने की कोशिश करते हैं।
इमर्जेंसी फंड का यही लक्ष्य है कि आप भविष्य में आरामदायक जीवन जी सकें। इसलिए भविष्य को ध्यान में रखते हुए इमर्जेंसी फंड में सेविंग्स (savings) करें।
खर्च में कटौती करें (Trim your expenses)
अगर आप नौकरीपेशी शख्स हैं, तो सोचें कि आप सेविंग के लिए पैसा कहां से लाएंगे? जाहिर है अपनी लिमिटेड सैलेरी (salary) से। इसलिए आपको कोशिश करनी चाहिए कि फालतू का खर्च (stop your expenses) न हो।
यदि आप फालतू का खर्च करते हैं, तो उसमें कटौती करें। शाॅपिंग (shopping) , रेस्टोरेंट में डिनर (dinner) आदि में कम खर्च करके आप सेविंग फंड में पैसा डाल सकते हैं। यह आपके इमर्जेंसी टाइम और भविष्य दोनों के लिए फायदेमंद है।