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मानसिक बीमारी आपके संबंधों को बिगाड़ सकती है | How Mental Health affects Relationships

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कोई भी दो रिश्ते (relationship) एक जैसे नहीं हो सकते हैं। हर व्यक्ति अलग होता है तो रिश्ते को निभाए जाने के तरीके भी अलग होते हैं। इसके अलावा हर रिश्ते में छोटी-मोटी नोक-झोंक (Little Fight) बहुत ही सामान्य होती है। लेकिन यदि दोनों पार्टनर्स (partners) में से कोई एक मानसिक स्वास्थ्य (mental health) से जूड़ रहा है, तो रिश्ते को निभाना काफी मुश्किल हो जाता है। खासकर जो व्यक्ति मेंटल इलनेस से परेशान है, उसके लिए अपना प्यार भरा रिश्ता (love relationship) निभाना चुनौतियों (challenges) से भर जाता है। मानसिक स्वास्थ्य (mental health) से पीड़ित व्यक्ति कुछ चीजों को अपनी जिंदगी का अहम हिस्सा मान लेता है, जो उसके रिश्ते को दिन पर दिन कमजोर बनाती जाती है।

शर्म और अपराध बोध होता है (Shame and guilt)

कहने की जरूरत नहीं है कि मेंटल हेल्थ के साथ तरह-तरह के टैबू (taboo) जुड़े हुए हैं। आज भी लोगों को यही लगता है कि जिसे मानसिक रूप से किसी भी तरह की परेशानी है, वह पागल (maniac) है। यही कारण है कि मानसिक स्वास्थ्य के मरीज चाहकर भी किसी को अपनी बीमारी के बारे में नहीं बातते हैं।

यही टैबू (taboo) कहीं न कहीं पति-पत्नी (husband-wife) या कपल्स (couples) के रिश्ते के आड़े आती है। जो व्यक्ति मानसिक रूप से फिट नहीं है, वह खुद को हमेशा शर्म और अपराध बोध (shame and guilt) से घिरा हुआ पाता है। वह अपनी स्थिति पर हमेशा शर्मिंदा रहता है। हालांकि ऐसे दंपतियों की कमी नहीं है, जो अपनी इस स्थिति को लोगों और समाज से छिपाए रखने की हर भरसक कोशिश करते हैं। लेकिन यकीन मानिए कि मानसिक स्वास्थ्य की समस्या होने पर इसके लक्षण और संकेत (signs and symptoms of mental illnes) छिपाना थोड़ा मुश्किल होता है।

इस वजह से दूसरा पार्टनर यह नहीं समझ पाता है, उसे अपने पार्टनर के साथ कैसे पेश आना है। असल में हमें कभी यह नहीं सिखाया जाता है कि मेंटल हेल्थ से पीड़ित व्यक्ति (patient of mental health) के साथ कैसे पेश आना चाहिए या उसकी मदद (help) कैसे करनी चाहिए। इसलिब जब कोई ऐसा व्यक्ति साथ होता है तो हम खुद भी परेशान (tensed) हो जाते हैं और मरीज की मदद करने में खुद को असफल (fail) मानते हैं। नतीजा ये होता है कि उनका रिश्ता पूरी तरह बिखर (affects the relationship) रहा होता है।

अंतरंग संबंध प्रभावित होता है (Intimacy problems)

मेंटल इलनेस की वजह से व्यक्ति के अंदर सेक्स के प्रति चाह कम हो जाती है। कई बार ऐसा ट्रीटमेंट और दवाईयों (treatment and medicine) के कारण होता है। यही वजह है कि  पार्टनर्स आपस में अंतरंग संबंधों (intimate relationship) के लिए तैयार नहीं हो पाते हैं। अगर होते हैं, तो जिसका इलाज (treatment) चल रहा है, वह अपनी परफॉर्मेंस (performance) को लेकर परेशान रहता है। ऐसे में अंतरंग संबंधों पर नकारात्मक असर (negative affect) पड़ना लाजिमी है।

पार्टनर पर अधिक निर्भरता होती है (over dependence on partner)

प्यार (love) में पार्टनर पर निर्भर होना अच्छी बात है। यह रिश्ते को और ज्यादा निखार देती है। लेकिन जब पार्टनर मेंटली अनफिट (mentally unfit partner) हो, तो दोनों पार्टनर्स के लिए यह स्थिति चिंता (anxiety) का विषय बन जाती है। दरअसल पीड़ित व्यक्ति (patient) के दिमाग में हमेशा यह चलता है कि उसका पार्टनर उसकी प्राॅपर केयर (proper care) नहीं कर रहा है या जितनी केयर की उसे जरूरत है, उतनी उसकी देखरेख नहीं की जा रही है। इस वजह से दोनों के बीच तनाव (stress) पसर जाता है। कई बार रिश्ते में खटास इतनी ज्यादा घुल जाती है कि पीड़ित पार्टनर का व्यवहार गाली-गलौज (abusive nature) तक पहुंच जाता है। ऐसे में रिश्ते को निभाना अपने आप में एक चुनौती (challenge) का रूप ले लेती है।

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