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सेल्फ मेडिकेशन के नुकसान | Disadvantages of Self-medication

हमारे देश में जब तक कि स्वास्थ्य (health) बहुत खराब न हो, तब तक हमारी यही कोशिश रहती है कि केमिस्ट (chemist) से खुद दवा (medicine) ले आएं और ठीक हो जाएं।

ऐसा करने के पीछे कई वजहें (reason) हैं जैसे डाॅक्टर (doctor) की मुंहमांगी कीमत (high price) देने से बच जाते हैं और उनकी महंगी-महंगी दवाईं (costly medicines) भी नहीं खरीदनी (buy) पड़ती। सस्ती-मंदी दवाई (medicines) की मदद (health) से कुछ दिनों में आराम भी मिल जाता है।

लेकिन क्या खुद ही खुद का डाॅक्टर बनना ठीक है? क्या सेल्फ मेडिकेशन (self medication) के कोई नुकसान नहीं हैं? नुकसान अनंत (endless disadvantage) है। ये बात और है कि हम इस संबंध में एलर्ट (alert) नहीं होते हैं और न ही इसके भयावह परिणाम (result)  हमें डराते हैं।

आज इस लेख में हम सेल्फ मेडिकेशन के कुछ नुकसान के बारे में जानेंगे।

सेल्फ मेडिकेशन के नुकसान (drawbacks of Self-medication)

सेल्फ मेडिकेशन (Self-medication) से भले आपको आराम मिल जाए, लेकिन कई बार दीर्घकालिक प्रभाव देखें, तो इससे स्वास्थ्य को फायदा कम और नुकसान (devastating in the long run) ज्यादा झेलना पड़ता है।

असल में दवा शरीर (body) में जाते ही शरीर में रिएक्शन (cause reactions) करती है। हो सकता है कि जिस वजह से आप दवा (medicine) खा रहे हैं, वह ठीक हो जाए। लेकिन यदि आप दवा को उसके बाद भी जारी रखते हैं और संभवतः इसका कोई दुष्प्रभाव (side-effects) आपके शरीर पर पड़े और इसकी वजह से आप अज्ञात हों।

कुछ दवाईयां काफी एडिक्टिव और खतरनाक (very addictive and dangerous) होती हैं। कहने का मतलब है कि कुछ दवाईयां का प्रभाव ऐसा होता है कि नियमित (regular) लेने के कारण आप उस दवा के आदि (addictive) हो सकते हैं। उदाहरण (example) के तौर पर बेनेड्रेल सिरप (Benedral syrup) है। इस दवा को अक्सर काफी सर्दी-जुकाम (cold sore throat) होने पर लिया जाता है। ज्यादातर मरीज (patients)  इसी दवा को सर्दी-जुकाम होने पर स्वयं केमिस्ट से खरीद लेते हैं। लेकिन दिक्कत तब होती है कि जब मरीज मरीज उनींदापन महसूस कर सकता है। अनजाने में मरीज (patients) अच्छा फील (good feel) करने के लिए इस दवा को लेते हैं, जो कि सही नहीं है। यही कारण है कि अब यह दवा बिना प्रिस्क्रिप्शन के केमिस्ट (chemist) में नहीं मिलती है।

इसी तरह एंटीबायोटिक्स (antibiotics) बिना डाॅक्टर (doctor) के परामर्श (doctor’s prescription) के कभी नहीं खरीदनी चाहिए। एंटीबायोटिक्स (antibiotics) को एक डॉक्टर के पर्चे (doctor’s prescription) के आधार पर खरीदा जाना चाहिए और इसे डॉक्टर के पर्चे के बिना रोगियों को बेचने के लिए एक अपराध के रूप में माना जाना चाहिए।

सर्दी-जुकाम की दवाईयों की तरह लोग बिना डाॅक्टर के परामर्श के पेन किलर (pain killer) यानी दर्द निवारक दवाईयां भी खरीद लेते हैं। बिना संकोच उसे कई दिनों तक लेते भी हैं। जबकि हकीकत ये है क दर्द की दवाओं के भी अपनी तरह के नुकसान (side-effects) हैं। इसका असर शरीर के अन्य अंगों पर पड़ सकता है।

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